चखुल की ओर से आप सभी को आमंत्रण है कुछ आपकी बातें कहने और सुनने का।
चखुल उत्तराखंड के बारे में बात करने, साझा करने, चर्चा करने, संवाद करने का एक मंच है - जहां उत्तराखंड की लोक संस्कृति, लोक कला, पौराणिक कथा, इतिहास, समकालीन मुद्दे, रचनात्मक प्रतिभाएं प्रदर्शित हो सकें। साथ ही हम बच्चों की शिक्षा और पूर्ण विकास के लिए भी कार्य करते हैं।
उत्तराखंड जहां जितने प्यारे दृश्य उतने प्यारे लोग हैं और उतनी ही प्यारी यहां की संस्कृति है।
जहां कण कण में देवी देवता बसे और इसे देव भूमि नाम दिया है।
आओ ईन पहाड़ों के प्यार को एक दूसरे से साझा करें और लोगों तक पहुंचाते हैं।
क्या है इवेंट मे खास?
सविता कंस्वाल के उपर एक डॉक्युमेंटरी ताकि उनकी कहानी पूरी दुनिया जाने और प्रेरणा सोत्र बने।
पहाड़ की बेटी जिसने 16 दिन मे कुछ ऐसा कर दिखाया जो राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना।
साथ ही सुनिये जीतू की कहानी जिसे परियां अपने साथ अपने देश लेगायीं।
ढोल दमाउं की थाप पर महसूस करें पाँच पांडवों को जिन्होंने धर्म के लिए लड़ा था महाभारत युध।
शक्ति का अवहं होगा ढोल सागर के साथ और साथ ही बाला तिलु रौतेली की वीर गाथा देखेंगे।
माँगल, झोड़ा, चाँचरि, की मधुर धुन मे खो जाएं हमारे नवयुवक कलाकारों के साथ।
युवा साथ ही साथ जाने की क्या कर सकतें हैं आज के समय में अपने पहाडों और जमीन पर हमारे मेहमनो द्वारा।
इस सफर की शुरुआत वादियों के शहर देहरादून से हुई और अब दिल वालों के शहर दिल्ली से होते हुए आगे चलते हुए पूरे उत्तराखंड के अलग अलग कस्बों तक जाएगी।
रेजिस्ट्रेशं शुल्क ₹149 एक जन के लिये और ₹399 4 लोगों के ग्रुप के लिये
Note: कार्यक्रम के दौरान एक सरकारी फोटो id proof को साथ लाना जरूरी है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: 9999093615