सैकड़ों साल की ग़ुलामी के बाद हमें जो आज़ादी मिली वो आज़ादी अपने साथ एक दर्द भी लेकर आई। हमारे मुल्क का बँटवारा हो गया। लेकिन क्या ये सब आसान था? क्या सब कुछ बस एक लकीर खींचने से ख़त्म हो गया? उस लकीर के निशान आज भी उतने ही गहरे हैं.....
हिंदुस्तान की तक़सीम पर कुछ कहानियाँ और कुछ कविताएँ और कुछ बातें .....
Ticket Price - Rs. 150/-